जयपुर। अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ (अरिस्दा) की ओर से जयपुर संभागीय आयुक्त डा समित शर्मा द्वारा सरकारी चिकित्सालयों में निरीक्षण के दौरान चिकित्सकों के साथ असंसदीय भाषा का प्रयोग करते हुए किए जा रहे अपमानजनक और अमर्यादित आचरण की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर कार्यवाही की माँग की है !
ज्ञापन में जयपुर संभागीय आयुक्त डॉ समित शर्मा द्वारा कुछ दिनों पहले दौसा के सरकारी अस्पताल का निरीक्षण के दौरान चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों को सरेआम जलील करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि अगर कोई अधिकारी कर्मचारी नियम विरुद्ध कार्य करता हो और जाँच में दोषी पाया जाता है तो उसे दंडित किया जाएं, इस से कोई गुरेज़ नहीं कोई आपत्ति नहीं, लेकिन उसके लिए शासन में सेवा नियमो के तहत निर्धारित प्रक्रिया है, उसके अंतर्गत कार्यवाही हो किंतु बिना पूर्ण जाँच के केवल शक और अपूर्ण तात्कालिक तथ्यों के आधार पर किसी चिकित्सक को सरेआम अपमानित करने और पुरे चिकित्सा समुदाय की छवि धूमिल करने का अधिकार किसी भी व्यक्ति को नहीं है चाहे वो किसी भी हैसियत का हो या कोई भी पद धारित किए हो !
संभागीय आयुक्त चला रहे है खुद की छवि सुधार कार्यक्रम
प्रदेशाध्यक्ष डा चौधरी ने संभागीय आयुक्त के भ्रमण कर स्वयं को प्रचारित करने को आत्म मुग्धता का दौर करार देते हुए कहा कि किसी भी लोकसेवक को व्यक्तिगत प्रचार से दूर रहते हुए अपना क़र्म निष्काम तथा वस्तुनिष्ठ भाव के साथ समर्पित भाव से करना होता है, जबकि संभागीय आयुक्त के दौसा सहित पूर्व की कार्यशैली से ऐसा प्रतीत होता है कि वे राज्य शासन के बजाय अपनी खुद का छवि सुधार कार्यक्रम चला रहे है। इसके चलते वो आत्म मुग्धता के दौर में प्रवेश कर गए। अन्यथा लोकसेवक को निरीक्षण के दौरान मीडिया और कैमरा टीम को साथ लेकर चलने की क्या आवश्यकता है। यह बेहद खेदजनक स्थिति है। इस तरह उनका सरकारी अस्पतालों में पीड़ित मानवता की सेवा कर रहे चिकित्सक और चिकित्सा कर्मियों के साथ असंसदिय शब्दों का प्रयोग करते हुए केमरा मीडिया कर प्रताड़ित करना घोर निंदनीय है।
चिकित्सक व चिकित्साकर्मी है कर रहे हैं आमजन की सेवा
चिकित्सक संघ के ज्ञापन में में लिखा है कि एक अधिकारी के इस अमर्यादित आचरण से राज्य भर के चिकित्सकों और चिकित्सा कर्मियों के आत्मसम्मान को ठेस पहुँची साथ हीवरिष्ठ पद पर आसीन अधिकारी के इस आचरण से राज्य में मरीज़ और चिकित्सक के बीच के क़ायम विश्वास के रिश्ते को तार तार कर इस पेशे की गरीमा को क्षति पहुँची है।
जैसा कि सर्वविदित है कि कोरोना आपदा काल में राज्य के संवेदनशील शासन के नेतृत्व में समस्त सरकारी चिकित्सक और चिकित्साकर्मी अपनी जान दांव पर लगाकर आमजन की सेवा कर शासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर कोरोना पर जीत की ओर अग्रसर है साथ ही जिसकी मिसाल पूरे देश में ही नहीं वरन विदेशों में भी “राजस्थान माडल” के रूप में दी जा कर सर्वत्र प्रशंसा हो रही है ऐसे में उन्ही कर्मिको को सरे आम केमरे के जलील करना उसका विडीओ बना कर उसे वाइरल करना एक प्रतिष्ठित समुदाय के लिए बड़ा पीड़ादायक है, माननीय मुख्यमंत्री से इस पर संज्ञान लेते हुए कड़ी कार्यवाही की अपेक्षा है राज्य भर के चिकित्सालयों में असंतोष व्याप्त हो चला है वो कम हो और उनका विश्वास बहाल हो !
संभागीय आयुक्त चिकित्सक और चिकित्सा कर्मियों को प्रताड़ित कर उनके कार्यस्थल पर आत्मविश्वास को क्षति पहुँचा कर चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों को अपने आत्मसम्मान की रक्षा के लिए आंदोलन की राह पर धकेलना चाह रहे हैं, ताकि अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो और राज्य का नुकसान हो।
चिकित्सा विभाग के विरुद्ध बयानबाजी शासन के खिलाफ षडयंत्र
अरिस्दा प्रदेशाध्यक्ष डॉ चौधरी ने कहा कि इस प्रकार सस्ती लोकप्रियता प्राप्त करने के प्रयास से पूरे राज्य की चिकित्सा सेवा और राज्य शासन को बदनाम करने का कुप्रयास करते हुए संभागीय आयुक्त ने अपराध कारित किया है, जो सेवा नियमो के विरुद्ध एवं दंडनीय है। ऐसा प्रतीत होता है कि संभागीय आयुक्त चिकित्सा विभाग से स्थानांतरित होने के बाद से ही लगातार पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर अपने निजी कारणों से चिकित्सा विभाग को बदनाम करने के उद्देश्य से लगातार मीडिया में भी चिकित्सा विभाग के विरुद्ध बयानबाजी करते रहे हैं पूर्व में इस आशय की खबरें अखबारो की सुर्ख़ियों में रही है और अब पुनः वो इसे दोहरा कर चिकित्सा विभाग को भी क्षति पहुँचा रहे हैं, जो की लोकसेवक की गरिमा के विरुद्ध आचरण ही नहीं, बल्कि उनके द्वारा किया जा रहा राज्य शासन के विरूद्व सोचा समझा षडयंत्र है।इसको तुरंत लगाम लगाने की आवश्यकता है !
डॉ चौधरी ने एक बयान जारी कर कहा कि संभागीय आयुक्त द्वारा सरकारी क़ार्मिको के साथ किया जा रहा ये दुर्व्यवहार और मानमर्दन किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा एवं न्याय नहीं हुआ और पुनरावृत्ति हुयी तो मजबूरन चिकित्सकों को आंदोलन की राह पकड़नी पड़ेगी !
डॉ चौधरी ने मुख्यमंत्री से चिकित्सकों का चीर हरण रोकने की गुहार लगाते हुए दोषी अधिकारी को दण्डित करने की माँग की है !